बिस्मिल हो तेरे आबो दानाह में कोई और,
और तेरी जेय्ब-ऐ-यास्दां सी जिंदगानी हो।
सितारे हमें इजाज़त नही देते हिबाह होने की,
वरना फ़िदा’इ-ऐ-जुर खड़ा है अपना सर लिए।
(बिस्मिल=lover; आबो दानाह = life; ज़य्ब-ऐ-यास्दां = Godly beauty; ज़य्ब=beauty; यास्दां= God; हिबाह=gift; फ़िदा’इ = lover; जुर = dare)
देखिये या अद्ल-ऐ-यास्दां क्या फ़रमाता है,
या फ़िर किसी दीवाने का अब खब्त देखिये।
केह दोगे तो अब मर मिटेगा कोई तुमपे,
न कहो तो जूनून-ऐ-दोजहान देखिये।
(अद्ल-ऐ-यास्दां = God’s justice; खब्त =obsession)
अलाहेदा हूँ मुंकिर-ऐ-वफ़ा से मैं कब से,
हमें देखे कोई के अब एह्मक-ऐ-जिन्दाँ देखिये।
तेरे तस्सवुर को काफिर पी ली है शराब ला त^दाद,
दीदार-ऐ-यार-ऐ-अकेले की कोई चाह देखिये।
(अलाहेदा = separate; मुन्किर-ऐ-वफ़ा = one who denies loyalty; एह्मक-ऐ-जिन्दाँ = jail for mad people; एह्मक= mad; जिन्दाँ= jail)
…………………………Atul
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